Manufacturing process
इस प्रक्रिया के अंतर्गत हम नए वस्तु या कहें तो वस्तुओं का निर्माण करते हैं इसमें हम रॉ मैटीरियल का उपयोग डिजायर प्रोडक्ट बनाने में करते हैं
मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस को मोटे तौर पे दो भागों में डेवाइड किया गया है।
1.primary manufacturing process(प्राथमिक विनिर्माण प्रक्रिया )
इस मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस में कच्चा माल तैयार किया जाता है
जिसे एक बेसिक शेप और साइज में ढाला जाता है। जिसका उपयोग आगे कई आवश्यक उपकरण बनाने में किया जाता है। इस प्रोसेस में बना हुआ प्रॉडक्ट का dimension allowance और surface finish सब कुछ साधारण होता है।इसमें कोई एक्जेक्ट प्रॉडक्ट बनकर तैयार नहीं होते हैं बल्कि कहा जाए तो यह हमें basic raw material प्रदान करता है जिसका उपयोग हम secondary manufacturing प्रक्रिया में आवश्यक उत्पाद बनाने में करते हैं।
जिनमे से कुछ प्राथमिक मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस नीचे दिए गए हैं।
1.casting
इसमें मेटल को पिघला कर किसी ढांचे में ढाला जाता है जिसका उपयोग बाद में एक सम्पूर्ण फिनिशिंग प्रोडक्ट तैयार करने में किया जाता है।
2.forming
इस प्रोसेस में मेटल को कंप्रेस और स्ट्रैच करके पतली चादर के रूप में बदला जाता है
इसी प्रकार प्राईमरी प्रोसेस बहुत प्रकार के हैं जैसे forging stamping, bending, separation, cutting sanding, drilling, conditioning, fabrication इत्यादि
2 secondary manufacturing process (माध्यमिक विनिर्माण प्रक्रिया)
इस प्रोसेस में हम प्राईमरी प्रोसेस से मिले हुए प्रोडक्ट पर काम करते हैं और उसका उपयोग करके कुछ महत्वपूर्ण उपकरण का निर्माण करते हैं। इस प्रक्रिया में फाइनल प्रोडक्ट बनकर तैयार होता है जिसका dimension, allowance और surface finishing सब कुछ सही होता है।जिससे वह प्रोडक्ट काम में लेने के लिए पूरी तरह से तैयार होता है।परन्तु इस प्रोसेस में मेटल बहुत ज्यादा मात्रा में रिमूव होता है जिसकी वजह से इसका मेटल रिमूवल रेट बहुत ज्यादा होता है primary manufacturing process के मुकाबले ।
इसे इसके metal removal rate के आधार पर दो भागो में बांटा गया है
इसे इसके metal removal rate के आधार पर दो भागो में बांटा गया है
- Traditional machining process
- Non traditional machining process
1) Traditional machining process
इस मशीनिंग प्रोसेस में मैकेनिकल ऊर्जा का उपयोग काम करने के लिए किया जाता है। इस प्रोसेस में मेटरियल रिमूवल रेट ज्यादा होता है तथा वर्क पीस और टूल के बीच में physical contact रहता है जिसके वजह से मैटेरियल चीप के रूप में रिमूव होता है।इस प्रोसेस में इस्तेमाल होने वाले मशीन हैं, लेथ मशीन, मीलिंग मशीन, बोरिंग मशीन ड्रीलिंग मशीन आदि। इसमें उपयोग होने वाले टूल की लाइफ बहुत काम होती है जिसकी वजह से हमें इसे बार - बार बदलना पड़ता है, परन्तु इसके खराब पार्ट आसानी से मिल जाता है। इस प्रोसेस से बने प्रोडक्ट की accuracy और precision बहुत कम होता है Non traditional machining process के मुकाबले।
2)Non traditional machining process
इस मशीनिंग प्रोसेस में बहुत अलग - अलग प्रकार के ऊर्जा का प्रयोग किया जाता है वर्क पीस से मैटेरियल को रिमूव करने के लिए जैसे - मैकेनिकल ऊर्जा, इलेक्ट्रिकल ऊर्जा, रसायनिक ऊर्जा ।किन्तु इस मशीनिंग प्रोसेस में material रिमूवल रेट बहुत कम होता है क्योंकि इसमें टूल और वर्क पीस के बीच physical contact नहीं रहता है जिसकी वजह से इसमें बने प्रोडक्ट की लाइफ क्षमता, गुणवत्ता और accuracy बढ़ जाती है।